दो दिवसीय तकनीकी कार्यक्रम ‘टेककृति’ का हुआ भव्य शुभारंभ
श्रीदेवसुमन विश्वविद्यालय में बनेगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्कृष्टता केंद्र : प्रो एनके जोशी

ऋषिकेश ( राव शहजाद ) । श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय पण्डित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश के बीसीए विभाग द्वारा आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस विषय पर आयोजित दो दिवसीय तकनीकी कार्यक्रम ‘टेककृति’ का शुभारंभ मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एन के जोशी, परिसर निदेशक प्रो एम एस रावत, आमंत्रित वक्ता प्रो भगवती प्रसाद एवं कार्यक्रम संयोजक बी सी ए समन्वयक डॉ गौरव वार्ष्णेय ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया है । उद्घाटन समारोह में कुलपति प्रो जोशी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि तकनीकी शिक्षा में नवाचार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उन्नत विधाओं को आत्मसात करना आज समय की आवश्यकता है। आज का युग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस और मशीन लर्निंग जैसे नवाचारों का युग है। ये तकनीकें न केवल उद्योग और व्यवसाय में क्रांति ला रही हैं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और सामाजिक जीवन के हर क्षेत्र में परिवर्तन की भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि छात्र छात्राओं को ऐसे मॉडल तैयार करने हैं जिससे ए आई तकनीकी आम जनमानस के लिए भी शुलभ हो सके| प्रो जोशी ने कहा कि श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्कृष्टता केंद्र’ की स्थापना की जाएगी। यह केंद्र छात्र छात्राओं में नवाचार, अनुसंधान और उद्योग-समर्थ तकनीकी समाधान को बढ़ावा देगा । आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर कुलपति ने विद्यार्थियों से कहा कि वे इस क्षेत्र में आने वाली नैतिक चुनौतियों को भी समझें और उत्तरदायी नवाचार की दिशा में कार्य करें। प्रो जोशी ने बी सी ए समन्वयक डॉ गौरव वार्ष्णेय एवं विभाग की पूरी टीम को ‘टेककृति’ जैसे समसामयिक और ज्ञानवर्धक कार्यक्रम के सफल आयोजन पर बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन से छात्रों में तकनीकी जागरूकता, आत्मविश्वास और प्रतिस्पर्धात्मक भावना का विकास होगा। निदेशक प्रो एम एस रावत ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि आज के दौर में तकनीकी शिक्षा का लक्ष्य केवल कौशल देना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों को नवाचार की दिशा में सोचने और समाज के लिए समाधान विकसित करने हेतु प्रेरित करना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि “टेककृति” जैसे तकनीकी आयोजनों का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि यह कक्षा से बाहर निकलकर छात्रों को व्यावहारिक अनुभव, टीमवर्क, समस्या-समाधान और नेतृत्व कौशल प्रदान करते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्वविद्यालय का प्रयास है कि हर विभाग में ऐसे मंच विकसित किए जाएं जहाँ छात्र-छात्राएं केवल पाठ्यक्रम की सीमाओं तक न रहें, बल्कि वास्तविक जीवन की समस्याओं के समाधान खोजने की दिशा में काम करें।कार्यक्रम संयोजक एवं बीसीए विभाग के समन्वयक डॉ गौरव वार्ष्णेय ने कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि ‘टेककृति’ का उद्देश्य विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कोडिंग, सॉफ्टवेयर विकास, साइबर सुरक्षा, सॉफ्टवेयर डिज़ाइन तथा डेटा विज्ञान जैसे समसामयिक तकनीकी क्षेत्रों से जोड़ना है। उन्होंने बताया कि इस दो दिवसीय कार्यक्रम में तकनीकी प्रश्नोत्तरी, कोडिंग प्रतियोगिता, पोस्टर एवं प्रोजेक्ट प्रदर्शनी, स्लाइड प्रेज़ेंटेशन प्रतियोगिता, स्टार्टअप आइडिया पिचिंग, एवं आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस आधारित मॉडल प्रदर्शन जैसे विविध तकनीकी सत्र एवं प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं| डॉ वार्ष्णेय ने बताया कि कार्यक्रम में आमंत्रित विशेषज्ञों के व्याख्यान, पैनल चर्चा तथा विजेता छात्र छात्राओं को प्रमाणपत्र एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन भी होगा। आईआईएससी बेंगलुरु के प्रो. भगवती प्रसाद ने “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं तकनीकी शिक्षा” विषय पर अपने व्याख्यान में कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस न केवल तकनीकी दक्षता का माध्यम है, बल्कि यह सामाजिक, शैक्षिक और नैतिक संरचना को भी पुनर्परिभाषित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में जहां विविधताएं और संसाधनों की असमानता है, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस एक पुल की तरह काम कर सकता है जो सुलभ शिक्षा, सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं और स्मार्ट कृषि समाधान जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। प्रो. प्रसाद ने कहा कि एआई केवल मशीनों को सोचने सिखाने का नाम नहीं है, बल्कि यह मानवीय निर्णय प्रक्रिया को समर्थन देने वाला एक नैतिक सहयोगी बन सकता है, यदि इसे उचित दिशा में प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने तकनीकी शिक्षा में अंतरविषयक दृष्टिकोण अपनाने, छात्रों में डेटा नैतिकता, एल्गोरिदमिक पारदर्शिता और समाजोपयोगिता की समझ विकसित करने पर बल दिया। वही विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो जी के धींगरा ने आभार व्यक्त करते हुए सभी प्रतिभागियों, आयोजकों एवं अतिथियों का धन्यवाद किया । मौके पर संकायाध्यक्ष कला प्रो डी सी गोस्वामी, संकायाध्यक्ष वाणिज्य प्रो कंचनलता सिन्हा, उपकुलसचिव डॉ आर के जोशी सहित अन्य मौजूद रहे।