Blog

एम्स में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के तहत किया जन-जागरूक

ऋषिकेश ( राव शहजाद ) । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के तहत विभिन्न जन-जागरूकता कार्यक्रमों हुए। इस अवसर पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रम इस वर्ष की थीम “Nourishment for Stronger Lungs” पर आधारित रहे। जिनके माध्यम से विशेषज्ञों ने लोगों को फेफड़ों को स्वस्थ रखने से संबंधित जानकारियां दी। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर( डॉक्टर) मीनू सिंह के मार्गदर्शन में पल्मोनरी मेडिसीन विभाग के तत्वावधान में आयोजित जनजागरूकता कार्यक्रमों की श्रंखला के अवसर पर पल्मोनरी मेडिसीन विभागाध्यक्ष डॉ. गिरीश सिंधवानी ने कहा कि अच्छा पोषण केवल शरीर को ऊर्जा ही नहीं देता, बल्कि रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता है। विशेष रूप से फेफड़ों के स्वास्थ्य में संतुलित आहार की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। लिहाजा हमें समझना होगा कि पोषण को जीवनशैली का हिस्सा बनाना दीर्घकालीन स्वास्थ्य निवेश है।सप्ताहव्यापी आयोजनों के तहत प्रमुख गतिविधियों में ओपीडी में मरीजों के लिए जनजागरूकता सत्र में पल्मोनरी मेडिसीन विभाग की पीएचडी छात्रा गंगा मिश्रा ने विभिन्न सत्रों में मरीजों को अपने आचार व्यवहार में स्वस्थ आदतें अपनाने और फेफड़ों की सेहत के लिए लाभकारी आहार विकल्पों के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम के अंतर्गत नर्सिंग स्टाफ के लिए सर्वे क्विज़ और शैक्षिक सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें “फेफड़ों के स्वास्थ्य में पोषण व कसरत की भूमिका विषय पर पीएचडी( PhD) की छात्रा गंगा मिश्रा व फिजियोथैरेपिस्ट अंशु अरोड़ा ने उन्हें जागरूक किया। इस दौरान क्विज़ में अव्वल स्थान प्राप्त करने वाले तीन मुख्य विजेताओं को स्मृति चिह्न एवं प्रशस्तिपत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। साथ ही वृहद स्तर पर अन्य मरीजों तक फेफड़ों के बेहतर स्वास्थ्य रखने के लिए संदेश पहुंचाने के उद्देश्य से विभाग की ओर से शैक्षिक वीडियो भी जारी किए गए।

बताया गया है कि राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के अंतर्गत पल्मोनरी मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित उक्त तमाम जनजागरूकता कार्यक्रम मरीजों, नर्सिंग स्टाफ तथा आम जनमानस को यह संदेश देने हेतु किए जा रहे हैं कि, उचित पोषण और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर फेफड़ों की सेहत को सुरक्षित और सुदृढ़ बनाया जा सकता है।

Related Articles

Back to top button