सिडनी ऑस्ट्रेलिया में आयोजित 67वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलन का दौरा कर भारत लौटीं विधानसभा अध्यक्ष
देहरादून ( राव शहजाद ) । उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण 67वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में भाग लेकर ऑस्ट्रेलिया दौरे से भारत लौट आई हैं। यह सम्मेलन सिडनी के अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया, जहां उन्होंने विभिन्न देशों के सांसदों के साथ संसदीय लोकतंत्र और शासन के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। बता दे तीन दिवसीय इस सम्मेलन के दौरान, राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) के अध्यक्ष पद के चुनाव में भारतीय क्षेत्र द्वारा समर्थित उम्मीदवार डॉ. क्रिस्टोफर कलिला, सांसद (CPA जाम्बिया शाखा), को नया अध्यक्ष चुना गया। इस ऐतिहासिक चुनाव में भारतीय क्षेत्र की भूमिका पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने इसे भारतीय प्रतिनिधिमंडल के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि और गर्व का विषय बताया। राष्ट्रमंडल देशों के सांसदों और विधायकों के इस सम्मेलन में एक विशेष परिचर्चा का आयोजन हुआ। यह परिचर्चा “राजनीति में भाग लेने हेतु युवा महिलाओं को कैसे प्रेरित किया जाए” पर थी। इस परिचर्चा में राष्ट्रमंडल देशों के कुल 5 जन प्रतिनिधि को पाँच जन संभाषण हेतु चुना गया। ऋतु खण्डूडी भूषण ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए सभा को संबोधित किया। ऋतु खण्डूडी भूषण ने सम्मेलन में कहा कि यह सम्मेलन संसदीय लोकतंत्र को सशक्त करने और वैश्विक मंच पर शासन प्रथाओं के आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि आगामी 68वां राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन (68 CPC) 6 से 13 अक्टूबर, 2025 तक बारबाडोस में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA), जिसकी स्थापना 1911 में हुई थी और जिसका मुख्यालय लंदन में स्थित है, सदस्य देशों के बीच संसदीय लोकतंत्र के संवैधानिक, विधायी, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर ज्ञान के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करता है। CPA का प्रमुख उद्देश्य सदस्य देशों में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को सशक्त करना और सर्वोत्तम शासन प्रथाओं को अपनाने में सहायता प्रदान करना है ।
ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का आभार व्यक्त करते हुए ऋतु खण्डूडी भूषण ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना उनके लिए अत्यंत गर्व का अनुभव था। एक महिला विधायक के रूप में भारत का अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रतिनिधित्व कर वे गौरवान्वित महसूस करती हैं। वही
भारत लौटने पर उनके समर्थकों और उत्तराखंड विधानसभा के कर्मियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत भी किया है ।