जागरुता शिविर किया गया आयोजित

ऋषिकेश । मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर होराइजन पब्लिक स्कूल में जागरुता शिविर आयोजित किया गया। वसुंधरा संस्था की पहल पर एम्स के सामुदायिक एवं परिवार चिकित्सा विभाग तथा सोशल आउटरीच सेल के सहयोग से आयोजित इस शिविर में चिकित्सकों ने छात्राओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता सहित अन्य महत्वपूर्ण बातें बताई। कहा कि मासिक धर्म स्वच्छता केवल सैनिटरी नैपकिन के उपयोग और स्वच्छ शौचालय की उपलब्धता तक ही सीमित नहीं है। मासिक धर्म प्रत्येक महिला का मौलिक अधिकार है और उनकी गरिमा का एक अनिवार्य पहलू है। होराइजन पब्लिक स्कूल में आयोजित जागरुकता शिविर का शुभारंभ प्रधानाचार्य नम्रता शर्मा व अतिथियों ने किया। शिविर में विशेषज्ञों ने कहा कि मासिक धर्म महिलाओं के जीवन का एक सामान्य और स्वाभाविक प्रक्रिया है। दौरान स्वच्छता बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। स्वच्छता को नज़रअंदाज़ करने से न केवल शारीरिक परेशानियां बढ़ सकती हैं, बल्कि कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। डॉ. प्रेया सलूजा,डॉ. आर्यांशी, डॉ. दीपक भारद्वाज व डॉ अब्दुल ने छात्राओं को बताया कि लंबे समय तक पैड या टैंपोन का प्रयोग न करें। इन्हें बदलते रहें। मासिक धर्म के दौरान प्यूबिक एरिया को साफ-सुथरा रखें। इस दौरान पर्याप्त नींद लें। चिकित्सकों ने कहा कि मासिक धर्म को लेकर हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। इस पर खुल कर बात की जानी चाहिए। इस दौरान वसुंधरा संस्था की ओर से विद्यालय को सैनेट्री पैड भी उपलब्ध कराए गए। विद्यालय की कोर्डिनेटर प्रीति चौहान ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
पीरियड फ्रेंडली वर्ल्ड है इस वर्ष की थीम वसुंधरा संस्था की अध्यक्ष प्रियंका नेगी छात्राओं को बताया कि वर्ष 2014 में पहली बार मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया गया। जर्मनी के एक संगठन वॉश ने इसकी शुरुआत की थी। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मासिक धर्म से जुड़ी चुनौतियों और चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, खासकर महिलाओं और लड़कियों में, और मासिक धर्म को लेकर समाज में चुप्पी, शर्म को खत्म करना है। प्रियंका ने बताया कि इस वर्ष मासिक धर्म स्वच्छता दिवस की थीम पीरियड फ्रेंडली वर्ल्ड है। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका स्वाति मधवाल ने किया। कार्यक्रम में वसुंधरा संस्था की अध्यक्ष प्रियंका नेगी, डाॅ. ज्योति शर्मा, रीता सेमवाल, सरिता पेटवाल, डॉ. अक्षत गोयल, हरिओम शर्मा आदि मौजूद रहे।