प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के नए भवन का हुआ उद्घाटन

ऋषिकेश ( राव शहजाद ) । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के नए भवन का भव्य उद्घाटन समारोह संपन्न हुआ। इस अवसर पर देहरादून उप-क्षेत्र की केन्द्र एवं आस पास जैसे हिमाचल, यू पी, नजीबाबाद, रुड़की, चकराता, मसूरी इत्यादि 22 सेन्टर की 42 राजयोगिनी, परमतपस्विनी, बालब्रह्मचारिणी तथा समर्पित दीदियों का अद्भुत संगम देखने को मिला। बता दे सभी 42 दीदियो व बहनो ने अपने दिव्य दर्शन और स्नेहिल आशीर्वचनों से उपस्थित अतिथियों एवं ब्रह्माकुमारी भाइयों-बहनों का मन मोह लिया। इस अवसर पर सभी दीदियो एवं 225 बी० के० भाई बहनो ने संघठित योग कर पूरे विश्व को शान्ति व सुख की किरणे प्रदान की। देहरादून सब जोन सेंटर की हेड राजयोगिनी बी.के. मंजू दीदी ने कहा कि आज यह विशाल भवन सभी भाई-बहनों के सहयोग, सेवा और संकल्प से निर्मित हुआ है, तथा इस कार्य में जिन्होंने भी तन-मन-धन से सहयोग दिया, वे सभी बधाई के पात्र हैं। साथ ही बताया कि प्रारंभ में 50 से अधिक वर्ष पहले भाई रामभज गुप्ता जी द्वारा भूमि का एक छोटा-सा भाग और एक कक्ष बनाकर संस्था को समर्पित किया गया था। वही छोटा बीज आज एक विशाल वटवृक्ष के रूप में फल-फूल रहा है। हरिद्वार सेंटर से राजयोगिनी बी.के. मीना दीदी ने कहा कि हमारे वरिष्ठों ने मुझे एवं ऋषिकेश सेंटर की आरती दीदी को लोकसेवा के साथ-साथ संतों व महात्माओं की सेवा का उत्तरदायित्व सौंपा है। गंगा जहां शरीर का मैल धोती है, वहीं हम ज्ञान द्वारा मन का मैल धोकर शांति प्रदान करने के निमित्त बने हैं। वही नाहन सेंटर से पधारी राजयोगिनी बी.के. रमा दीदी ने कहा कि बड़े भवनों का निर्माण होना इस ईश्वरीय ड्रामा की योजना में निहित है। जितना विशाल भवन होगा, उतनी ही अधिक आत्माएँ वहाँ आएँगी, आत्मिक शांति, सुख और भाग्य बनाने की खोज में। मेरा आशीर्वाद है कि यह विशाल नया भवन यहां आने वाली हर आत्मा के जीवन में नया प्रकाश भरने का माध्यम बनेगा।” यहां का तपस्या-धाम वास्तव में अद्भुत और अनूठा शांति–केंद्र है। यहां प्रत्येक आत्मा सीमित नहीं, बल्कि असीम सुख और शांति का अनुभव करेगी। इन अवसर पर रुड़की सेंटर से उपस्थित बी के गीता दीदी ने अपने मधुर विचारों में कहा कि सदैव खुश रहने और खुशी बाँटने के लिए हमारे पास खुशी का स्टॉक होना आवश्यक है। जब हम बाबा के ज्ञान को अपने जीवन में धारण कर लेते हैं, तब यह खुशी पलभर की नहीं, बल्कि स्थायी बन जाती है। बाबा से योग हमें आनंद, शक्ति और सुख का भरपूर भंडार देता है। ऋषिकेश सेंटर की प्रमुख राजयोगिनी बी.के. आरती दीदी ने बताया कि आज ऋषिकेश वासियों का परम सौभाग्य है कि उन्हें 42 देवियों के दर्शन का यह दिव्य अवसर प्राप्त हुआ है। यह नव–निर्मित भवन सभी भाई–बहनों के तन, मन और धन से किए गए सहयोग का परिणाम है। सभी ने अपनी निष्ठा, श्रम और प्रेम से इस भवन के निर्माण में योगदान देकर अपना भाग्य स्वयं बनाया है।कहा कि मै सभी उपस्थित भाई-बहनो व उपस्थित देवी तुल्य दीदियो का हृदय से स्वागत करती हूं तथा धन्यवाद देती हूं जिन्होने अपनी वयस्ता से समय निकाल यहा दर्शन दिये।


कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर सभी दिव्य बहनो को त्रिवेणी घाट की गंगा आरती मे गंगा सभा द्वारा आमंत्रित किया गया। उपस्थित श्रद्धालुओ ने चैतन्य देवियो के दर्शन का लाभ उठाया है ।



























