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पर्यावरण का संकल्प केवल नीति नहीं, संस्कृति बननी चाहिए : स्वामी चिदानन्द

ऋषिकेश ( राव शहजाद ) । परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती की उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना तथा जलशक्ति और बाढ़ नियंत्रण मंत्री, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के साथ सार्थक भेंटवार्ता सम्पन्न हुई है । इस भेंटवार्ता में यमुना की स्वच्छता, निर्मलता और अविरलता, यमुना के तटों पर पौधारोपण तथा यमुना जी के तटों पर जैव विविधता आधारित ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण करने, पीपल, बरगद, नीम, कदम जैसे ऑक्सीजन देने वाले पौधे लगाने जो पर्यावरण को स्वच्छ बनाते हैं साथ ही सांस्कृतिक चेतना से भी जुड़े हैं पर विशेष चर्चा हुई। कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना और कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने भी यमुना स्वच्छता अभियान को और प्रभावी बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों मंत्रियों ने उत्तरप्रदेश के यमुना तटीय क्षेत्रों में जागरूकता अभियान, गंदे नालों के शोधन, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने और जैविक खेती को बढ़ावा देने जैसे ठोस उपायों पर चर्चा की। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि आज जब दुनिया ग्लोबल वार्मिंग और जल संकट जैसी विकट समस्याओं से जूझ रही है, ऐसे समय में नदियों को बचाना, पौधारोपण को जन आंदोलन बनाना और पारंपरिक जल स्रोतों का पुनर्जीवन हमारी सर्वोच्च प्राथमिकतायें होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि युवाओं को डिजिटल और धरातल दोनों स्तरों पर पर्यावरण के रक्षक बनाना होगा। पर्यावरण का संकल्प केवल नीति नहीं, संस्कृति बननी चाहिए । स्वामी ने कहा कि नदियाँ केवल जल स्रोत नहीं, जीवंत चेतना हैं। उन्हें बचाना हमारा आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय कर्तव्य है। यमुना केवल नदी नहीं, हमारी संस्कृति की वाहक, श्रद्धा का प्रतीक और जीवनदायिनी धारा है। इसका संरक्षण केवल सरकार की नहीं, समाज और संतों की भी जिम्मेदारी है क्योंकि जब जल बचेगा, तभी कल बचेगा। स्वामी चिदानंद ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग एक वैश्विक संकट है, परंतु इसका समाधान स्थानीय स्तरों से भी संभव है। प्रत्येक व्यक्ति यदि अपने जीवन में जल संरक्षण, जैविक खेती, पौधारोपण जैसे छोटे कदम अपनाए, तो यह एक बड़ा परिवर्तन बन सकता है। वही सुरेश खन्ना ने कहा कि स्वामी चिदानन्द सरस्वती का मार्गदर्शन सदैव प्रेरक और राष्ट्रहितकारी होता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार यमुना के तटों पर हरियाली बढ़ाने और प्रदूषण रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगी। स्वामी चिदानंद ने मंत्रियों को पर्यावरणीय चेतना का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया है ।

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