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सुभाष बनखंडी श्री रामलीला कमेटी के बजुर्गों सहित 23 लोगों पर षड्यंत्र के तहत हुए मुकदमे वापस न होने पर व्यापक जनांदोलन की चेतावनी

ऋषिकेश । सुभाष बनखंडी श्री रामलीला कमेटी के पदाधिकारी बजुर्गों सहित 23 लोगों पर षड्यंत्र के तहत हुए मुकदमे को लेकर कमेटी के पदाधिकारीयो द्वारा मुकदमे वापस न होने पर एक बड़े जनांदोलन को लेकर चेतावनी दी है । साथ ही उन्होंने मांग करी कि इस षड्यंत्र के पीछे बैठे लोगों का पर्दाफाश भी होना चाहिए। बुधवार को सुभाष बनखंडी श्री रामलीला कमेटी के प्रांगण में हुई पत्रकार वार्ता में कमेटी के अध्यक्ष हरिराम अरोड़ा ने बताया कि सुभाष बनखंडी श्री रामलीला कमेटी 1955 से स्थापित एक धार्मिक संस्था है ।जो कि पिछले 70 वर्षों से लगातार रामलीला मंचन का आयोजन करती आ रही है। 1999 में कमेटी द्वारा संस्था का समिति पंजीकरण कराया। जो कि नियमानुसार 2029 तक मान्य है। उन्होंने बताया कि 29 मई 2025 को स्थानीय पार्षद सिमरन उप्पल द्वारा नगर निगम आदेशानुसार एक यूसीसी कैंप लगाने के लिए आवेदन पत्र दिया। जिस पर कमेटी द्वारा स्थानीय पार्षद को कैंप लगाने के लिए रामलीला परिसर में पूरी व्यवस्था कर निशुल्क प्रदान किया। जिसको लेकर एक व्यक्ति ने पुलिस थाने में रामलीला ग्राउंड के ताले तोड़कर दान पात्र और अलमारी में नगदी चुराने जैसे झूठे इल्जाम लगाकर 70 से 80 वर्षीय बुजुर्गों सहित 23 लोगों पर फर्जी तरीके से मुकदमे दर्ज कराए है। उनका कहना है कि जिस व्यक्ति द्वारा यह मुकदमे कराए गए हैं उस व्यक्ति का कमेटी से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है। ना ही वह व्यक्ति उक्त रामलीला भूमि का मलिक अथवा कोई स्थानीय जनप्रतिनिधि है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस द्वारा जल्दबाजी में किए गए इस तरह के मुकदमो को लेकर कहीं ना कहीं इसमें कोई राजनीतिक षड्यंत्र की बू आ रही है। उन्होंने मांग करी कि इस षड्यंत्र के पीछे बैठे लोगों का पर्दाफाश होना चाहिए।

यदि पुलिस द्वारा जल्द ही इन मुकदमो को वापस नहीं लिया गया तो कमेटी के सभी पदाधिकारी सहित क्षेत्र की जनता एक विशाल व्यापक जन आंदोलन करने के लिए मजबूर होगी। मौके पर कमेटी के सभी पदाधिकारी योगेश कालरा, जितेंद्र पाल, अभिनव पाल, अशोक थापा, रोहतास पाल, हुकुमचंद रणवीर सिंह, सुशील पाल, संदीप त्यागी पप्पू पाल, नीतीश पाल, प्रतीक पाल, अंकुश मौर्य, साहिल आर्यन, विमल शर्मा अन्य मौजूद थे।

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