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जागरूकता शिविर का किया आयोजन

साइबर अपराध से आमजन के जीवन पर पड़ने वाले दुष्प्र प्रभाव की दी जानकारी

ऋषिकेश । उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल एव सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून के निर्देशन में को नालंदा शिक्षण संस्थान इंटर कॉलेज ऋषिकेश में विषय-साइबर अपराध इंटरनेट घोटाला एवं सोशल मीडिया के धोखाधड़ी के मामलों पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें साइवर अपराध के विभिन्न स्वरूप की विस्तार से जानकारी दी जैसे , नौकरी लगवाने का झांसा, होटल और टिकिट बुकिंग, अस्पतालों में अप्वाइंटमेन जैसे अपराध आजकल आए दिन सुनने को मिल रहे हैं यह सभी साइबर क्राइम के अंतर्गत आते हैं नए-नए तरीके अपनाकर फ्रॉड स्टार के द्वारा अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है । कंप्यूटर अपराध और भी कई प्रकार से किए जाते हैं जैसे किसी की जानकारी चोरी करना या किसी के कंप्यूटर में वायरस को डालना, किसी पर हर वक़्त नजर रखना भी साइबर अपराध हैं छात्रों को बताया गया यदि आपको कोई कॉल आए की TRAIआपका फोन बंद करने वाला है तो जवाब ना दे यह एक साइबर फ्रॉड है अगर Fedex के नाम पर1 नंबर दबाने को कहा जाए तो जवाब ना दें यह भी साइबर फ्रॉड है अगर कोई पुलिस अधिकारी आपका आधार के बारे में बात करें तो जवाब ना दे यह भी साइबर फ्रॉड है ।

अगर आपको डिजिटल गिरफ्तारी के अंदर होने की बात करें तो यह भी साइबर फ्रॉड है इस प्रकार के तरीकों से साइबर फ्रॉड की चपेट में आने से बचने के लिए जागरुक रहे और दूसरों को भी जागरूक करें इसके साथAI टेक्निक द्वारा रिश्तेदारों की और माता-पिता आदि की आवाज बनकर फोन कॉल करके धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं तो जवाब ना दे यदि कोई इस प्रकार की कॉल संदेह के घेरे में है तो पहले अपने रिश्तेदारों या माता-पिता जिसकी आवाज बनाकर आपको कॉल आया है उनका फोन करके संतुष्ट रहे । साइबर अपराध से आमजन के जीवन पर पड़ने वाले दुष्प्र प्रभाव से की जानकारी दी गई थोड़ी सी सावधानी बर्तकर विषयगत दुष्प्र प्रभाव से बचा जा सकता है, घटना घटते ही पुलिस स्टेशन को या सम्बंधित सम्पर्क सूत्र पर शीघ्रता से सूचना देना चाहिए बैंक धोखाधड़ी की सूचना 1930 पर बिना देर किये देना चाहिए अपनी निजी जानकारी किसी को कभी भी सांझा नहीं करना चाहिए

छात्रों से अपने परिवार के सदस्यों यथा अपनी माता और पिता को डिजिटल रूप से शिक्षित करना चाहिए छात्रों को स्वयं अपना बिल, गाड़ी का ईंधन, किराया परचून का भुगतान इत्यादि डिजिटल करना चाहिए. अधिक डिजिटल भुगतान करने सेआर्थिक शिकार होने की संभावना कम रहती है
उपस्थित प्रतिभागियों को न्याय एवं विधिक सहायता प्राप्त करने के लिए 15100 टोल फ्री नंबर की जानकारी दी गई एवं बताया गयापीएलबी वह मध्यस्थ है जो न्याय तक पहुंचने के रास्ते में आने वाली सभी कठिनाइयां को दूर करके आम लोगों और कानूनी एवं अन्य सहायक सेवा संस्थाओं के बीच की खाई को कम करने में मदद करते हैं । अपनी किसी भी लीगल प्रॉब्लम के लिए पराविधिक कार्यकर्ताओं की सहायता प्राप्त की जा सकती है शासन द्वारा निशुल्क फोन सेवा 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर जारी किया है जिसकी जानकारी बच्चों को प्रदान की गई । वही प्रतिभागियों की संख्या 600 रही है। इसके साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की निशुल्क सेवाओं की जानकारी दी गई।

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