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यहां : हर्षोल्लास के साथ मनाया पांचवा स्थापना दिवस

 

ऋषिकेश । निर्मल आश्रम ज्ञान दान अकादमी के निर्मल सभागार में निर्मल आश्रम के संस्थापक महंत बाबा राम सिंह महाराज के आशीर्वाद एवं संरक्षक संत बाबा जोध सिंह महाराज के सानिध्य में एवं मुख्य अतिथि संतोष नामदेव (पखावज वादक) जी की गरिमामई उपस्थिति में जी.एन.ए. का ‘पांचवा स्थापना दिवस’ संगीतमय एवं भक्तिमय वातावरण के साथ मनाया गया है । कार्यक्रम का शुभारंभ महाराज जी एवं मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलित एवं गायत्री एवं मूल मंत्र के साथ प्रारंभ हुआ, तत्पश्चात सभी मंचासीन गणमान्यों को पुष्प कुछ देकर स्वागत एवं सम्मान किया गया।
इस दौरान विद्यालय प्रधानाध्यापिका अमृतपाल डंग के द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत-सत्कार करते हुए सभी को विद्यालय की उपलब्धियों से अवगत कराया गया, तत्पश्चात विद्यालय की छात्रों द्वारा शब्द कीर्तन प्रस्तुत किया गया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संतोष नामदेव जी ने (पखावज वादक), पत्नी उषा नामदेव (हारमोनियम वादक) एवं पुत्र संतोष नामदेव ने (पखावज वादक) ने बहुत ही बेहतरीन गायन एवं वादन प्रस्तुति देकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। वही
एनजीए विद्यालय के छात्र प्रभात कुमार जो की एलकेजी से लेकर वर्तमान में कक्षा 11 के छात्र ने अपने विद्यालय यात्रा के अनुभव के बारे में बताया और कैसे एक गरीब परिवार के छात्र को मंच तक प्राप्त हुआ, कार्यक्रम के दौरान एनजीए विद्यालय से कक्षा 6 की नन्ही छात्र देवयानी निर्मल ने राग यमन की बहुत ही सुंदर एवं भावपूर्ण अभिव्यक्ति देकर सबका मन मोह लिया, तत्पश्चात कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा, सत्र 2024, में जिन विद्यार्थियों ने स्कूल में अपना सर्वश्रेष्ठ परचम लहराया उन्हें महन्त बाबा राम सिंह एवं सन्त बाबा जोध सिंह महाराज द्वारा पुरस्कार धनराशि देकर सम्मानित किया गया । जिसमें साक्षी, अंजलि और आशीष को पुरस्कार स्वरूप आशीर्वाद मिला। मौके पर श्रीलंका से लीना ह्रदयरमानी, विनोद ह्रदयरमानी, अरविंद ह्रदयरमानी, कनाडा से अनन्या, निर्मल एजुकेशन डायरेक्टर एसएन सूरी , सलाहकार समिति सदस्य सूरी, निर्मल आई इंस्टीट्यूट मैनेजर डॉ अजय शर्मा , निर्मल दीपमाला पब्लिक स्कूल प्रधानाचार्या ललिता कृष्णस्वामी , बाबू आत्म प्रकाश , सरदार मंजीत सिंह , ग संगीत शिक्षिका दीपमाला कोठियाल, डॉ गुरजिंदर सिंह, प्रदीप कुमार, विनोद विज्लवाण, दिनेश पैन्यूली, सोहन सिंह कैन्तुरा, बृजेश राय, सरदार हरविंदर सिंह, सरदार गुरजिंदर सिंह एवं समस्त शिक्षकगण अन्य मौजूद रहे।

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