दिसम्बर 2026 तक ट्रैक पर दौडेगी रेल , ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन का निर्माण कार्य चल रहा तेज
मुख्य परियोजना प्रबंधक ने गिनाई उपलब्धियां
ऋषिकेश ( राव शहजाद ) ।ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का निर्माण कार्य बड़ी तेजी के साथ चल रहा है। मुख्य परियोजना प्रबंधक अजित सिंह यादव ने पत्रकार वार्ता कर कहा की दिसम्बर 2026 तक ट्रेक पर रेल दौडेगी। इसके अलावा उन्होंने परियोजना की और भी उपलब्धियां गिनाई। शुक्रवार को ऋषिकेश स्थित रेल विकास निगम लिमिटेड के कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में परियोजना के प्रोजेक्ट मैनेजर अजीत सिंह यादव ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच 125 किलोमीटर नई ब्रांड गेज रेलवे लाइन राज्य की एक महत्वपूर्ण विकास परियोजना है, जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के बीच रेल लिंक प्रदान करने का उद्देश्य राज्य में स्थित तीर्थ स्थलों तक आसान पहुंचने की सुविधा प्रदान करना और पिछड़े क्षेत्र के विकास के साथ-साथ नए व्यापार केद्रों को जोड़ना और क्षेत्र में रहने वाली आबादी को सेवा देना है। कहा कि इस तरह की लिंक से यात्रा में समय और लागत की काफी कमी आएगी।
प्रस्तावित रेलवे लाइन देहरादून, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग व चमोली पांच जिलों के मध्य देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गौचर और कर्णप्रयाग जैसे महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ेगी। उन्होंने बताया कि रेलवे मंत्रालय द्वारा सितंबर2011 में इस परियोजना का जिम्मा रेलवे विकास निगम लिमिटेड को सौप था। बताया कि 2010-11 में 42 95.3 करोड रुपए की लागत मंजूर की गई थी, जो कि 2016 में रेलवे बोर्ड द्वारा 16216.31 रुपए का विस्तृत अनुमान स्वीकृत किया गया है उन्होंने बताया कि वीरभद्र स्टेशन से 6 किलोमीटर से आगे सुरंग में संरेखण है। सुरंग निर्माण के कार्य में आठ एंडिट के साथ-साथ 16 सुरंगे शामिल है जो तेजी से भूमिगत खुदाई के लिए 46 ड्राइव बनती है, सभी सुरंग में प्राथमिक लाइनिंग का काम चल रहा है। औसतन 5 किलोमीटर प्रति महीने की प्रगति पर है जिसमें सबसे परिष्कृत आधुनिक मशीनरी जैसी जंबो, ड्रिल, कम स्पंदन तकनीकी वाली शॉर्ट क्रीट मशीनें और खोदे गए मलवे से तेजी से बाहर निकालने के लिए निरंतर लोडर का उपयोग किया जा रहा है। कहा कि नवंबर 2024 तक 28 ब्रेकथ्रू पूरी हो चुकी है और मार्च 2025 तक 10 और ब्रेकथ्रू पूरी हो जाएगी। दिसंबर 25 तक सभी ब्रेकथ्रू पूरी हो जाएगी, यानी कि 213 किलोमीटर की दूरी पूरी हो जाएगी। अब तक कुल 6 एमटी और 6 एस्केप सुरंगों की पूरी तरह से खुदाई हो चुकी है। सबसे लंबी खुदाई टी 13 की है जो 9.50 किलोमीटर लंबी है।
बाइट : अजीत सिंह यादव, सीपीएम आर वी एन एल
बताया कि चंद्रभागा, शिवपुरी, गूलर और अलकनंदा नदियों पर 19 में से पांच बड़े पुल पूरे हो चुके हैं, जबकि 13 फूलों को इस वर्ष पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, बताया कि सुरंग खुदने के कारण कुछ ग्रामीणों द्वारा अपने घरों में दरारें आने की शिकायतें की गई थी। जिसे उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव के अध्यक्षता में हुई बैठक में इस मुद्दे का समाधान किया गया व जिलेवार समितियां बनाई गई समितियां द्वारा प्रभावित घरों का सर्वेक्षण कर किया गया तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा मुआवजा का मूल्यांकन किया गया तथा संबंधित जिला अधिकारियों द्वारा मांगे गए दरों के अनुसार मुआवजा पहले ही वितरित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि परियोजना द्वारा श्रीनगर में अस्पताल, एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय में स्टेडियम, सड़क, सुरक्षात्मक कार्य, मलेथा में वीर माधव सिंह भंडारी परिषद का नवीनीकरण, जिला चमोली में सुशीला देवी इंटर कॉलेज का नवीनीकरण, कीर्ति नगर से खंडूखाल तक सड़क का उन्नयन, देवप्रयाग से पायल गांव तक सड़क का उन्नयन आदि कई विकास कार्य किए गए हैं तथा सीएसआर द्वारा कई कार्य किए जा रहे हैं। बताया कि रेलवे ट्रैक बिछान के लिए ब्लास्ट रहित ट्रैक का ठेका जेवी को जुलाई 2024 में 750 करोड रुपए में दिया गया है जिसका काम प्रगति पर है। रेलवे स्टेशन निर्माण कार्यों के लिए निविदा प्रक्रिया जारी है। जनवरी 2025 में इसे भी जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि तय समय पर ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का कार्य पूरा कर दिया जाएगा। मौके पर उप महाप्रबंधक ओम प्रकाश मालगुडी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे ।