तीर्थनगरी में धूमधाम से मनाया गया गुरु पूर्णिमा का पर्व , भक्तों के आकर्षण का केंद्र बना जयराम आश्रम
ऋषिकेश ( राव शहजाद ) । गुरु पूर्णिमा पर्व पर तीर्थनगरी के आश्रम और मठ मंदिर गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु…, मंत्रोच्चारण से गूंजायमान हुई। लक्ष्मणझूला, स्वर्गाश्रम, मुनिकीरेती और ऋषिकेश में संचालित आश्रमाध्यक्षों ने विधिविधान के साथ अपने गुरुओं की विधिविधान के साथ पूजा अर्चना की। इस मौके पर आश्रमों में भंडारे का भी आयोजन किया गया। जिसमें शिष्यों ने प्रसाद ग्रहण कर गुरुओं का आशीर्वाद लिया। रविवार को जयराम आश्रम में गुरु पूर्णिमा पर्व पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। आश्रम परिसर में पीठाधीश्वर ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने विधि विधान के साथ अपने गुरुजनों की पूजा अर्चना की। पीठाधीश्वर ने कहा कि आश्रम सात पीढियों से सेवा करता आ रहा है। कहा गुरु मानव जीवन का सामाधन है। जिसके भी जीवन में कोई उलझन हो तो उसे गुरु की शरण में जाना चाहिए। अहंकार का परित्याग करके शरणागत होना चाहिए। मन के मैल को धोकर जीवन को श्रेष्ठता प्रदान करेगा।
वही ब्रह्मपुरी के राम तपस्थली आश्रम में महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज से अनेकों राज्य से आए श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर दीक्षां लिया। इस दौरान शिष्य ने अपने गुरु को पौधा भेंट किया। इस मौके पर आश्रमों में भंडारे का भी आयोजन किया गया। जिसमें शिष्यों ने प्रसाद ग्रहण कर गुरुओं का आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज ने बताया कि सनातन धर्म में माना जाता है कि बिना गुरु के किसी भी कार्य की सिद्धि संभव नहीं होती। इसलिए लोग शिष्य बनकर अपने गुरु से दीक्षा लेते हैं और अपने पुण्य कर्मों से गुरु का आशीर्वाद पाकर खुद का कल्याण करते हैं।
गुरु पूर्णिमा को आषाढ़ी और व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। हमारे सनातन धर्म में गुरु को भगवान से ऊंचा दर्जा दिया गया है क्योंकि वह हमें इस संसार में जीने के तरीके और अंधकार से प्रकाश तक ले जाना का रास्ता दिखाते हैं। इस दिन से ऋतु परिवर्तन भी होता है। इस दिन वायु की परिक्षा करके आने वाली फसलों का अनुमान किया जाता है। इस दिन शिष्य अपने गुरु की विशेष पूजा करता है। दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र आदि भेंट करता है। शिष्य इस दिन अपने सारे अवगुणों को गुरु को अर्पित कर देता है।
स्वर्गाश्रम क्षेत्र के गीता आश्रम में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर तीन दिवसीय कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया। जिसमें विशेष आकर्षण पानीपत से आए हुए झांकी रही। जिसको के लिए हजारों श्रद्धालु उमड़े झांकी ने सबका मन मोह लिया।