स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता विषय पर की कार्यशाला आयोजित
ऋषिकेश ( राव शहजाद ) । पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के ईराष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वावधान में स्वच्छता ही सेवा 2024 के अंतर्गत ‘स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता थीम पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया । सभी अतिथियों कर बैज अलंकरण का स्वागत किया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य एवं कला संकाय अध्यक्ष प्रो दिनेश चंद्र गोस्वामी ने करते हुए कहा कि सभी की स्वच्छता का पालन करना चाहिए, क्योंकि स्वच्छ रहने के लिए स्वच्छत्ता नितांत आवश्यक है। उन्होंने छात्र छात्राओं से विश्वविद्यालय परिसर प्रांगण के साथ अपने आपकी तथा आस-पास के वातावरण तथा सार्वजनिकस्थलों को भी स्वच्छ बनाए रखें। इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो संगीता मिश्रा ने कहा कि स्वच्छता अभियान की सहायता से लोगों में साफ- सफाई तथा स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा सकता है। संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने वातावरण तथा पर्यावरण को स्वच्छ रखकर गांधी जी के सपनों को साकार करेंगे।
अर्थशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो पुष्पांजलि आर्य ने कहा कि हमें व्यक्तिगत स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हुए अपने परिवेश को भी स्वच्छ बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि स्वच्छता के बिना हम अच्छे स्वास्था की कामना नहीं कर सकते। कार्यशाला के संयोजक एवं वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अशोक कुमार मैन्दोला ने प्रधानमंत्री द्वारा बताए गए स्वच्छता अभियान के उद्देश्यों के तहत स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत किए जा रहे कार्यक्रमों की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा की गीला और सूखा कचरा अलग-अलग डस्टबीन में डालें।घर में होम कंपोस्ट बनायें। घर के बीस कदम की दूरी तक साप्ताहिक श्रमदान कर आस-पास को साफ़ रखें।कचरा हमेशा स्वच्छताग्राही टीम को देवें।घर के सामने पानी का छिड़काव करें।घर के सामने नाली पर अतिक्रमण न करें और न ही कुछ उस में डालें।
घर के शौचालय का पानी नाली में न डालें। शहर के सीवर सिस्टम से कनेक्ट करें या सोखता सिस्टम बनायें।वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य रूप से करें।कचरा को न जलायें।खुले में शौच या पेशाब न करें।और17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2024 गांधी जयंती तक चल रहे इस कार्यक्रम में बढ़चढ़ कर भाग लेने तथा लोगों को जागरूक करने का आह्वान किया।कार्यक्रम अधिकारी डॉ प्रीति खंडूरी ने पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन द्वारा बताया स्वच्छता हमारे स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए बहुत ज़रूरी है। इसका मतलब है अपने आस-पास और खुद को गंदगी और कीटाणुओं से मुक्त रखना । जब हम स्वच्छता बनाए रखते हैं, तो हम बीमारियों से दूर रहते हैं और एक सुखद वातावरण बनाते हैं। साफ-सुथरे घर और सड़कें हमें सकारात्मक और ऊर्जावान महसूस कराती हैं।पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखने की आज सबसे अधिक आवश्यकता है। मौके पर डॉ अलका ,शिक्षकेतर कर्मचारी और काफी संख्या में छात्र छात्राएं और राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक मौजूद रहे ।