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ड्राइवरों ने किया प्रदर्शन पर्यटकों को करना पड़ा समस्याओं का सामना

रिपोर्ट: राव शहजाद

ऋषिकेश । साल का पहला दिन रोडवेज बसों में सफर करने वाले यात्रियों को भारी पड़ा है । हादसे पर चालक को सजा और जुर्माने के प्रावधान के विरोध में उत्तराखंड राज्य परिवहन निगम के चालक परिचालकों के कार्य बहिष्कार के चलते रोडवेज बसों के चक्के जाम रहे। दिल्ली समेत लोकल रूट पर एक भी बस नहीं चलने से ऋषिकेश और देहरादून समेत अन्य बस अड्डों में सवारिया सामान के बोझ के साथ भटकने को मजबूर रही। ऋषिकेश डिपो से प्रतिदिन दिल्ली रूट पर 36 बसें, दून रोड पर 8 बसें, हरिद्वार आदि रुटों पर एक दर्जन से अधिक बसें संचालित होती है। रोडवेज चालक-परिचालक हाल ही में सड़क दुर्घटना में संबंधित बस से किसी व्यक्ति की मौत होने पर चालक को कड़ी सजा और 10 लाख रुपए जुर्माना देने का प्रावधान का विरोध कर रहे हैं। रोडवेज कर्मियों ने इसे काला कानून करार दिया है। बता दे कि बस अड्डों में बसों के इंतजार में भटक रही सवारियों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए मजबूरन प्राइवेट वाहन का सहारा लेना पड़ा, जो उनकी जेब पर भारी पड़ा। ऋषिकेश रोड डिपो के अधीक्षक अनुराग पुरोहित ने बताया कि सोमवार सुबह पर्वतीय रुट की दो बसें निर्धारित समय पर रवाना हुई है ।

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