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योग महोत्सव में पांडवास बैंड की प्रस्तुति ने दिखाई उत्तराखंड की संस्कृति

 

ऋषिकेश ( राव शहजाद ) । अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में बुधवार की शाम का खासतौर से इंतजार किया जा रहा था। उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लाइव बैंड पांडवास की प्रस्तुति का इंतजार देश-विदेश से आए तमाम योग साधक कर रहे थे। लेकिन फिर भी दिन की शुरुआत तो योग से ही होनी थी। सुबह सबसे पहले हर रोज की तरह योग के विभिन्न आसन तमाम साधकों को सिखाए गए। इसके बाद ध्यान लगाने की बारी थी। योग गुरु कपिल सांगी द्वारा ध्यान के विभिन्न स्वरूपों को सिखाया गया। पिछले दिनों लाफ्टर योगा भी काफी सुर्खियां बटोर चुका था। इसलिए लाफ्टर योग का सेशन भी काफी महत्वपूर्ण रहा। मन को स्थिर रखने के लिए ओम का आविष्कार हुआ और ओम ही वह शक्ति है जो मन को एकाग्रचित करने में सबसे महत्वपूर्ण रोल निभाता है। इसलिए नाद योग हीलिंग का विशेष सत्र आयोजित किया गया। इसमें व्याख्यान डॉ नवदीप जोशी द्वारा दिया गया। बता दे कि दोपहर कुछ विश्राम के बाद हर रोज की तरह भजन कीर्तन का आयोजन हुआ और उसके बाद गंगा की संध्याकालीन आरती ने हर रोज की तरह माहौल को भक्ति में बना दिया। लेकिन शाम का सबसे महत्वपूर्ण आयोजन अभी होना बाकी था।पांडवास बैंड ने जब अपनी प्रस्तुति देनी शुरू की तो योग साधक थिरकने लगे। आसपास रहने वाले तमाम लोग भी इस प्रस्तुति को देखने के लिए पंहुचने लगे थे । पांडवास बैंड ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी प्रस्तुतियों के कारण ही विशिष्ट पहचान बनाई है। उत्तराखंड के इतिहास, परंपरा और संस्कृति को अपने गीत संगीत के जरिए प्रस्तुत करने के कारण ही इस बैंड की प्रस्तुति सराही जाती है। ऋषिकेश योग महोत्सव में भी आकर्षण का प्रमुख केंद्र पांडवास की प्रस्तुति रही।

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